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भारत की एक समय की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी Vodafone Idea (Vi) आज कर्ज और कानूनी झटकों से जूझ रही है। AGR बकाया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से साफ इनकार कर दिया है, जिससे कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अब सारी निगाहें 30 मई 2025 को होने वाली बोर्ड मीटिंग पर टिकी हैं, जो Vi के भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
कंपनी क्या प्लान कर रही है?
Vi ने स्टॉक एक्सचेंज को भेजी जानकारी में बताया है कि वो नए पूंजी जुटाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी। यह पूंजी एक या एक से अधिक माध्यमों से जुटाई जा सकती है:
संभावित फंडिंग विकल्प:
- 📌 राइट्स इश्यू (Rights Issue)
- 📌 पब्लिक ऑफर / प्राइवेट प्लेसमेंट
- 📌 प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट
- 📌 QIP (Qualified Institutional Placement)
- 📌 डिबेंचर्स, वॉरंट्स, बॉन्ड्स (घरेलू/विदेशी)
- 📌 लिस्टेड या अनलिस्टेड NCDs + वॉरंट्स
बोर्ड मीटिंग का एजेंडा
30 मई की बैठक में कंपनी सिर्फ फंडिंग पर ही नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा करेगी:
- FY25 की आखिरी तिमाही और पूरे साल के वित्तीय नतीजे
- कंपनी का नेटवर्क पर निवेश, घाटा और ऑपरेशनल खर्च
- 5G नेटवर्क के विस्तार के लिए फंडिंग की जरूरत
- निवेशकों के लिए नया रोडमैप
फंड जुटाना क्यों बन गया है ज़रूरी?
Vodafone Idea के सामने आज कई मोर्चों पर चुनौतियां हैं:
- ₹58,000 करोड़ से अधिक का AGR बकाया लदा हुआ है।
- 5G सेवाएं शुरू करने के लिए तगड़ा निवेश चाहिए।
- कंपनी की बैलेंस शीट कमजोर हो चुकी है।
- Reliance Jio और Airtel जैसे दिग्गजों से मुकाबले के लिए सर्विस क्वालिटी में सुधार जरूरी है।
- निवेशकों का भरोसा बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
क्या होगा शेयर बाजार पर असर?
30 मई को आने वाला फैसला Vodafone Idea के शेयर पर सीधा असर डालेगा।
- यदि कंपनी राइट्स इश्यू या QIP के जरिए पैसा जुटाती है, तो शेयर की वैल्यू डायल्यूट हो सकती है।
- वहीं अगर कोई मजबूत स्ट्रैटेजिक निवेशक बोर्ड में आता है, तो शेयर में जबरदस्त उछाल भी आ सकता है।
क्या यह Vi के लिए आखिरी मौका है?
AGR केस में कोर्ट से राहत न मिलने और फंड की सख्त जरूरत को देखते हुए यह मीटिंग कंपनी के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। यदि बोर्ड कोई ठोस फंडिंग प्लान लाने में नाकाम रहता है, तो कंपनी की टेलिकॉम इंडस्ट्री में टिके रहना मुश्किल हो सकता है।
Vodafone Idea के सामने अब दो ही रास्ते हैं — या तो भरोसेमंद फंडिंग के साथ खुद को बचा ले, या फिर धीरे-धीरे बाजार में अपनी पकड़ खो दे। 30 मई की बोर्ड मीटिंग पर सबकी नजरें टिकी हैं, क्योंकि यहीं से तय होगा Vi का भविष्य।