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कराची में रामायण का AI थिएटर मंचन: पाक थिएटर ग्रुप ‘Mauj’ ने रचा इतिहास, दर्शकों ने दी खड़े होकर तालियां

रामायण, जो भारतीय उपमहाद्वीप की एक पवित्र और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध महागाथा है, अब पाकिस्तान के कराची में थिएटर मंचन के रूप में उभरी है—और वो भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से।

कराची के प्रतिष्ठित Arts Council में आयोजित इस नाटक का निर्देशन Yoheshwar Karera ने किया और इसे थिएटर ग्रुप Mauj ने प्रस्तुत किया। नाटक को AI आधारित विजुअल इफेक्ट्स, लाइव म्यूजिक, भव्य कॉस्ट्यूम्स और असाधारण सेट डिज़ाइन के साथ प्रस्तुत किया गया, जिसने इसे एक अनोखा अनुभव बना दिया।


AI और टेक्नोलॉजी से सजीव हुई रामायण की कथा

नाटक में AI टूल्स की मदद से रामायण की पौराणिक कथा को रंगमंच पर जीवंत किया गया। दर्शकों को न केवल किरदारों के संवादों में गहराई मिली, बल्कि विजुअल इफेक्ट्स ने इसे और भी प्रभावशाली बना दिया।

निर्देशक करेरा ने कहा,

“रामायण को मंच पर जीवंत करना मेरे लिए एक विजुअल ट्रीट है और यह दर्शाता है कि पाकिस्तानी समाज को जितना कठोर माना जाता है, वह उससे कहीं ज्यादा सहिष्णु है।”

समीक्षकों की राय और दर्शकों की प्रतिक्रिया

थिएटर समीक्षक Omair Alavi ने कहा:

“यह प्रस्तुति न केवल तकनीकी रूप से समृद्ध है, बल्कि कथानक की गहराई भी बेजोड़ है। लाइटिंग, लाइव म्यूजिक, और सेट डिज़ाइन इसे वैश्विक स्तर का बना देते हैं।”

वहीं Mauj ग्रुप की निर्माता Rana Kazmi, जिन्होंने सीता की भूमिका निभाई, ने इस अनुभव को “रचनात्मक रूप से संतोषजनक” बताया।

सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बना यह मंचन

रामायण का यह मंचन यह भी दर्शाता है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पौराणिक कथाओं की सार्वभौमिकता किसी भी सीमा में बंधी नहीं होती। कराची जैसे शहर में रामायण का मंचन होना धार्मिक सहिष्णुता और रचनात्मक स्वतंत्रता का एक सुंदर उदाहरण है।

इस प्रस्तुति ने न केवल भारतीय पौराणिकता को पाकिस्तान में नई पहचान दिलाई, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि आर्ट और टेक्नोलॉजी का मेल कैसे दर्शकों को भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर जोड़ सकता है।