फिल्म अभिनेता और निर्देशक प्रकाश राज ने एक बार फिर अपनी बेबाक राय रखते हुए नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
सोमवार को घोषित हुए 55वें केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स 2025 में मंजुम्मेल बॉयज़ और ब्रहमायुगम ने कई प्रमुख पुरस्कार अपने नाम किए। इस बार ज्यूरी के चेयरमैन के रूप में प्रकाश राज ने अपनी भूमिका निभाई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी।
प्रकाश राज से जब पूछा गया कि ममूटी के नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतने की संभावना के बारे में उनका क्या विचार है, तो उन्होंने कहा —
“मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि आज नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समझौता किए हुए हैं। जब मुझे केरल ज्यूरी का चेयरमैन बनाया गया, तो उन्होंने कहा कि हमें एक बाहरी लेकिन अनुभवी व्यक्ति चाहिए, जो स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सके। यही पारदर्शिता नेशनल लेवल पर नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा —
“आजकल ‘फाइलें और ढेर’ अवॉर्ड्स जीत रहे हैं। ऐसी ज्यूरी और ऐसी राष्ट्रीय व्यवस्था ममूटी जैसे कलाकार के लायक नहीं है।”
ममूटी को हाल ही में ब्रहमायुगम के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (Best Actor) का पुरस्कार मिला है। यह उनका सातवां राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार है, जो किसी भी अभिनेता के लिए एक रिकॉर्ड है। इससे पहले उन्होंने तीन बार नेशनल अवॉर्ड्स भी जीते हैं — मथिलुकल, ओरु वडक्कन वीरगाथा, विदेयान और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जैसी फिल्मों के लिए।
कई फैंस लंबे समय से यह आरोप लगाते आए हैं कि ममूटी जैसे कलाकार को कई बार नेशनल अवॉर्ड्स में नजरअंदाज किया गया है।
इस साल मंजुम्मेल बॉयज़ ने बेस्ट फिल्म और निर्देशक चिदंबरम को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार मिला। वहीं ममूटी के अभिनय ने एक बार फिर दर्शकों और समीक्षकों दोनों को प्रभावित किया है।
प्रकाश राज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है — क्या सचमुच भारत के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म अवॉर्ड्स अब राजनीति और प्रभाव में फंस चुके हैं?