मुंबई की एक कंपनी का इंटर्नशिप ऑफर इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रहा है। वजह है – इसका स्टाइपेंड। जी हां, इस कंपनी ने इंटर्नशिप के बदले में सिर्फ 10 रुपये प्रति माह देने की बात कही है। जैसे ही इस ऑफर की जानकारी सामने आई, लोगों ने इंटरनेट पर मीम्स और तंज़ की बाढ़ ला दी।
10 रुपये की नौकरी, लेकिन स्किल्स चाहिए टॉप लेवल की!
Falcon Labs नाम की इस कंपनी ने एक बैकएंड डेवलपर इंटर्न की तलाश में पोस्ट डाली थी। पोस्ट में साफ लिखा था कि चयनित उम्मीदवार को मासिक 10 रुपये मिलेंगे। हालांकि, काम के लिए मांगी गई योग्यता किसी सीनियर डेवलपर से कम नहीं थी – कंप्यूटर साइंस की डिग्री, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेवऑप्स, मशीन लर्निंग, सॉलिड आर्किटेक्चर नॉलेज जैसी तमाम हाई-एंड स्किल्स की मांग की गई।
इतना ही नहीं, काम के घंटे भी निश्चित नहीं थे – यानी जब कंपनी कहे, तब काम करो।
LinkedIn पर नहीं दिखा असर, लेकिन X (Twitter) पर हुआ बवाल
शुरुआत में जब यह पोस्ट LinkedIn पर डाली गई तो ज्यादा चर्चा नहीं हुई, लेकिन जैसे ही यह X (पुराना Twitter) पर वायरल हुई, लोग इस पर मज़ेदार कमेंट्स करने लगे।
एक यूज़र ने लिखा – “कम से कम ये अनपेड तो नहीं है!”
दूसरे ने चुटकी ली – “इतना टैलेंट मांग रहे हैं, लगता है इंटर्न ही कंपनी चलाएगा।”
तीसरे ने तंज़ किया – “कहीं ये 10 रुपये इंटर्न को ही न भरने पड़ें!”
कुछ यूज़र्स ने इसे टाइपो भी माना और लिखा कि शायद ‘k’ टाइप करना रह गया, यानी असली रकम 10,000 रुपये होनी चाहिए थी।
फिर भी 1,900 से ज्यादा लोगों ने किया आवेदन!
मज़ेदार बात ये है कि इस बेहद कम स्टाइपेंड वाली इंटर्नशिप के लिए 1900 से भी अधिक आवेदन आए हैं। यह दिखाता है कि आज भी कई लोग सिर्फ अनुभव और स्किल्स सीखने के लिए किसी भी शर्त पर काम करने को तैयार हैं।
क्या वाकई लर्निंग के नाम पर शोषण?
इंटर्नशिप्स को लेकर इंटरनेट पर एक बहस छिड़ गई है – क्या अब इंटर्नशिप का मतलब ही मुफ्त में काम करना रह गया है? क्या “लर्निंग” शब्द का इस्तेमाल कंपनियाँ शोषण छुपाने के लिए कर रही हैं?
बहरहाल, Falcon Labs का यह ऑफर एक मिसाल बन गया है, जो बताता है कि कैसे कुछ कंपनियां स्टाइपेंड के नाम पर हदें पार कर रही हैं – और फिर भी लोगों की मजबूरी या महत्वाकांक्षा उन्हें ऐसे ऑफर्स की तरफ खींच लाती है।