नवी मुंबई के DY पाटिल स्टेडियम में गुरुवार की रात भारत महिला क्रिकेट टीम ने कर दिखाया वो कारनामा, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया जैसी सात बार की वर्ल्ड कप विजेता टीम को हराकर ICC महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में धमाकेदार एंट्री की।
भारत ने 339 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 गेंदें शेष रहते 5 विकेट से जीत दर्ज की — और इस जीत को यादगार बना दिया जेमिमा रोड्रिग्स (127 नाबाद) की शतकीय पारी ने।
मैच का टर्निंग पॉइंट: जेमिमा रोड्रिग्स की “फीनिक्स जैसी वापसी”
जेमिमा रोड्रिग्स ने न सिर्फ भारत को जीत दिलाई, बल्कि खुद को साबित करने का एक सुनहरा मौका भी भुनाया।
टूर्नामेंट की शुरुआत में चयन को लेकर हुए विवाद, फिर टीम से ड्रॉप होने और मानसिक संघर्ष के बीच जेमिमा ने खुद को “राख से उठती फीनिक्स” की तरह साबित किया।
मैच के बाद उन्होंने कहा —
“मैंने यीशु पर भरोसा किया, उन्होंने मुझे इस मानसिक संकट से बाहर निकाला।”
उनकी यह पारी सिर्फ रन नहीं थी, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और भरोसे की मिसाल थी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक रन चेज़
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 50 ओवर में 338 रन बनाए। 22 वर्षीय फीबी लिचफील्ड (119 रन, 93 गेंद) और अनुभवी एलिस पेरी (76 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 155 रन जोड़कर भारत पर दबाव बना दिया था।
लेकिन भारतीय गेंदबाजों — रेणुका ठाकुर, दीप्ति शर्मा और पूजा वस्त्राकर ने बीच के ओवरों में शानदार वापसी करते हुए स्कोर को 350 से नीचे रोक दिया।
जब भारत की शुरुआत में स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा जल्दी आउट हुईं, तो मैदान पर सन्नाटा छा गया। लेकिन रोड्रिग्स ने नंबर 3 पर आते ही जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 रन) के साथ मिलकर 167 रनों की साझेदारी की और मैच का रुख पलट दिया।
धैर्य, रणनीति और आत्मविश्वास का संगम
जेमिमा की बल्लेबाज़ी में हर पहलू देखने लायक था —
- सही वक्त पर स्ट्राइक रोटेट करना
- गेंदबाज़ों की लय बिगाड़ने के लिए इनोवेटिव शॉट्स खेलना
- विकेटों के बीच तेज़ रनिंग
- और सबसे अहम, दबाव में शांत रहना।
विशेषज्ञों ने इस पारी को “महिला वनडे क्रिकेट की सबसे बेहतरीन सेंचुरी” बताया है।
किस्मत और मेहनत का मेल
कई मौकों पर किस्मत ने भी भारत का साथ दिया —
न्यूज़ीलैंड बारिश से अंक गंवा बैठा, और ऑस्ट्रेलिया ने रोड्रिग्स के दो आसान कैच छोड़े (82 और 107 पर)। लेकिन जीत सिर्फ भाग्य से नहीं मिलती — यह मेहनत, संयम और आत्मविश्वास का नतीजा थी।
अब फाइनल में भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका
अब भारत का मुकाबला फाइनल में दक्षिण अफ्रीका महिला टीम से होगा, जिसने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। लौरा वोल्वार्ड्ट, मरीज़ाने कैप और नादिन डी क्लर्क जैसी खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में हैं।
भारत को घर में खेलने का फायदा मिलेगा, और अगर यह टीम रविवार को ट्रॉफी जीतती है, तो यह महिला क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय लिख देगी —
जैसे 1983 में कपिल देव की टीम ने पुरुष क्रिकेट को बदला था।
भारत की बेटियां इतिहास के मुहाने पर खड़ी हैं
यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं थी — यह मानसिक मजबूती, टीमवर्क और विश्वास की जीत थी। अब पूरा देश और क्रिकेट जगत रविवार के फाइनल का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है।
क्या टीम इंडिया इतिहास रचेगी? पूरा भारत कह रहा है — “चलो बेटियों, कप घर लाओ!” 🇮🇳🏆
 
			 
                     
                    