2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत में हलचल बढ़ गई है। खासतौर पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। शेखपुरा जिले में लगे बड़े-बड़े पोस्टरों ने इस बात को और हवा दे दी है कि चिराग पासवान इस बार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
पोस्टरों में चिराग को “बिहार की उम्मीद” बताया गया है और पूछा गया है – “जब नेता पूरे बिहार का है तो सीट का दायरा सीमित क्यों?” इन पोस्टरों में खास तौर पर 169 शेखपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपील की गई है।
समर्थकों की अपील: अब सिर्फ सांसद नहीं, बिहार के नेता बनें चिराग
पोस्टर लगाने वाले एलजेपी (आर) के शेखपुरा जिला अध्यक्ष इमाम गजाली ने कहा कि चिराग पासवान में वो क्षमता है, जो बिहार के युवाओं को पलायन से रोक सके, रोजगार दे सके और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना सके। समर्थकों का कहना है कि अब समय है कि चिराग सिर्फ दिल्ली की राजनीति तक सीमित न रहें, बल्कि बिहार में नेतृत्व करें।
क्या वाकई शेखपुरा से उतरेंगे चुनावी मैदान में?
हालांकि, चिराग पासवान की ओर से अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक वे पटना, दानापुर या हाजीपुर से भी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वर्तमान में वे हाजीपुर से लोकसभा सांसद हैं और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं। लेकिन शेखपुरा से मिल रहे समर्थन और जनता की मांग ने यह संकेत जरूर दिया है कि चिराग का अगला राजनीतिक कदम राज्य की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव संभव
यदि चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। यह न केवल उनकी पार्टी के लिए नई रणनीति होगी, बल्कि राज्य में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को नई चुनौती मिलेगी।