देशभर में हुए पांच विधानसभा उपचुनावों के नतीजों ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ को मजबूती दी है। जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बड़ी जीत दर्ज की है।
गुजरात की विसावदर सीट पर AAP की शानदार वापसी
गुजरात के विसावदर विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,500 से अधिक वोटों से हराकर सीट पर कब्जा जमाया। यह सीट पहले AAP के ही भूपेंद्र भयानी ने 2022 में जीती थी, लेकिन बाद में वे BJP में शामिल हो गए थे।
यह जीत AAP के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2015 के पटेल आंदोलन का केंद्र रहा इलाका है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने कहा, “2027 में हम सरकार बनाएंगे, BJP को हराने का माद्दा केवल AAP में है।”
केरल की नीलांबूर सीट कांग्रेस की झोली में
केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने नीलांबूर सीट जीत ली है। आर्यादन शौक़त, जो पूर्व विधायक आर्यादन मोहम्मद के बेटे हैं, ने CPI(M) के एम. स्वराज को 11,000 से अधिक वोटों से हराया। यह सीट पहले निर्दलीय पीवी अनवर के पास थी, जिन्होंने हाल ही में TMC जॉइन कर ली थी।
यह जीत खास इसलिए है क्योंकि यह सीट प्रियंका गांधी के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में आती है, जहां अगले साल चुनाव होना है।
कलिगंज में तृणमूल कांग्रेस की बड़ी बढ़त
पश्चिम बंगाल की कलिगंज सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC की अलीफा अहमद ने BJP के आशीष घोष पर 50,000 से अधिक मतों की बढ़त बनाई है। यह सीट दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद की थी, और अलीफा उनकी बेटी हैं। मुस्लिम बहुल क्षेत्र (54% मुस्लिम आबादी) में यह जीत अगले विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश है।
लुधियाना वेस्ट में AAP का कब्ज़ा बरकरार
पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर AAP उम्मीदवार संजय अरोड़ा ने कांग्रेस के भरत आशू को 10,000 से ज्यादा वोटों से हराया। इस सीट को AAP ने 2022 में जीता था, लेकिन विधायक गुरप्रीत गोगी की मृत्यु के बाद उपचुनाव कराना पड़ा। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने खुद प्रचार की कमान संभाली थी।
यह जीत दिखाती है कि AAP और कांग्रेस के बीच INDIA गठबंधन के बावजूद जमीनी स्तर पर प्रतिस्पर्धा जारी है।
गुजरात की कड़ी सीट BJP के नाम
BJP ने कड़ी विधानसभा सीट को लगभग 40,000 वोटों से जीतकर बरकरार रखा है। राजेन्द्र चावड़ा ने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को हराया। यह सीट BJP के पास 2017 से है और पिछली बार करशन सोलंकी ने इसे जीता था। उनके निधन के कारण यहां उपचुनाव हुआ।
निष्कर्ष: विपक्षी दलों का मनोबल ऊंचा
इन उपचुनावों के नतीजे BJP के लिए झटका और विपक्ष के लिए ऊर्जा हैं। बिहार और बंगाल जैसे अहम चुनावों से पहले AAP, कांग्रेस और TMC के लिए यह परिणाम राजनीतिक रूप से उत्साहवर्धक हैं।