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मिचेल स्टार्क ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में रचा इतिहास – मोहम्मद शमी का रिकॉर्ड चकनाचूर!

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने ऐसा प्रदर्शन किया कि भारत के स्पीडस्टार मोहम्मद शमी का अधूरे विजयी रिकॉर्ड भी पीछे रह गया। आइए जानते हैं कैसे स्टार्क ने रचा इतिहास—और क्यों यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए यादगार हो गया।


दिनभर की कहानी – शुरुआती झटका और पलटवार

WTC फाइनल के पहले ही दिन साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर ऑल-आउट कर दिया। कगिसो रबाडा की शानदार गेंदबाज़ी से ऑस्ट्रेलियाई पारी बुरी तरह प्रभावित हुई। उन्होंने 51 रन पर 5 विकेट लेकर टीम की उम्मीदों को गहरा झटका दिया। लेकिन उत्साह भरा पल तब आया, जब ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ों ने वापसी की।

स्टार्क का ज़ोरदार आगाज़

जब साउथ अफ्रीका खुश हो रहा था, मिचेल स्टार्क ने फिर अपना जादू चलाया। उन्होंने मैच की शुरुआती ही ओवरों में, केवल 7 ओवर में 10 रन देकर 2 विकेट लेकर टीम को आत्म-विश्वास दिया। इस जबरदस्त प्रदर्शन ने मैच में ऑस्ट्रेलिया की वापसी की नींव रखी।

रिकॉर्ड बन गया स्टार्क की पहचान

पहले दिन के इन दो विकेटों के साथ ही मिचेल स्टार्क ICC फाइनल्स में 10 या उससे अधिक विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए। यह वो रिकॉर्ड था जो पहले मोहम्मद शमी के नाम दर्ज था, जिन्होंने 6 मैचों में कुल 10 विकेट लिए थे।

अब दूसरी तरफ, स्टार्क ने महज़ 6 फाइनल मैचों में 11 विकेट लेकर शमी की उपलब्धि को पार कर दिया, और ICC फाइनल में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले तेज़ गेंदबाज़ बन गए।

शमी से आगे: आंकड़ों की कहानी

  • मोहम्मद शमी: 6 ICC फाइनल्स, कुल 10 विकेट
  • मिचेल स्टार्क: 6 ICC फाइनल्स, अब तक 11 विकेट

इसलिए यह उपलब्धि न केवल सितारे स्तर की गेंदबाज़ी का प्रमाण है, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ों के निरंतर प्रभाव का भी संकेत है।

अन्य गेंदबाज़ों की उपलब्धियां

इस मैच में रबाडा का भी योगदान शानदार रहा—उनके 5 विकेट वाली यह दूसरी फाइफ़र लॉर्ड्स के मैदान पर आई है।

लेकिन जब बात तारीख पर चढ़ने का आई, तो स्टार्क ने असल में विकेट से मोहम्मद शमी का रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास रच दिया।

क्यों खास है यह रिकॉर्ड?

  1. ICC फाइनल्स में उच्चतम प्रदर्शन – यह बताता है कि प्रेशर में भी प्रदर्शन से कोई समझौता नहीं हुआ।
  2. तेज़ गेंदबाज़ी की वापसी – शमी जैसी भारत की तेज़ गेंदबाज़ी की छाया से निकलकर भी खुलकर खेलने की प्रतिबद्धता दिखाता है।
  3. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ी का जादू – दुनिया ने फिर देखा कि प्लेटफॉर्म कोई भी हो, हार्ड-हिटिंग इरादों से गेंदबाज़ अपनी जगह बना सकते हैं।

निष्कर्ष

WTC फाइनल के पहले दिन मिचेल स्टार्क ने ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ी को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया। मोहम्मद शमी का रिकॉर्ड टूटना क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक चौंकाने वाली बात थी, लेकिन यह प्रमाण है कि ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाजी ढांचे में अब एक नया नाम और प्रभाव आ गया है।

यदि आप क्रिकेट के आंकड़ों और रिकॉर्ड्स में रुचि रखते हैं, तो यह उपलब्धि आपके लिए एक चमकीली मिसाल है—और आने वाले फाइनल मुकाबले को और रोमांचक बनाने का संकेत भी।