मुंबई: जैसे-जैसे बकरीद का पर्व नजदीक आ रहा है, मुंबई में सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। इस बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घाटकोपर की एक हाउसिंग सोसायटी में खुद जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल – शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस – “वोट जिहाद” के तहत लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं।
क्या है मामला?
25 मई को बीजेपी नेता सोमैया ने मैत्री को-ऑपरेटिव सोसायटी, दामोदर पार्क, घाटकोपर (पूर्व) का दौरा किया। यहां बकरीद के अवसर पर कुर्बानी को लेकर पहले भी विवाद हुआ था। इस बार भी कुछ रहवासियों ने कुर्बानी के खिलाफ विरोध जताया।
क्या बोले किरीट सोमैया?
किरीट सोमैया ने कहा:
“शरद पवार, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की वोट जिहाद सेना कुछ लोगों को प्रोत्साहित कर रही है। पिछली बार पुलिस को धमका कर कुर्बानी करवाई गई थी, लेकिन इस बार हम खुद ग्राउंड पर हैं। किसी को कानून तोड़ने नहीं दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या है बकरीद का महत्व?
बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक अहम त्योहार है जो इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने (जुल हिज्जा) की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। यह दिन त्याग, बलिदान और समर्पण का प्रतीक है।
इस साल बकरीद 6 या 7 जून 2025 को मनाए जाने की संभावना है, अंतिम तिथि चांद दिखने के बाद तय की जाएगी।
सोसायटी में क्यों हुआ विवाद
घाटकोपर की हाउसिंग सोसायटी में कुछ निवासी चाहते हैं कि सोसायटी परिसर में कुर्बानी न की जाए। वहीं कुछ लोग धार्मिक परंपरा के तहत ऐसा करना चाहते हैं। इस मुद्दे को लेकर पिछले वर्षों में भी विवाद हो चुका है।
बकरीद जैसे पवित्र पर्व के पहले सियासत का तड़का लगना अब आम बात हो गई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या धर्म और राजनीति के नाम पर इस तरह की बयानबाज़ी समाज को बांटने का काम कर रही है? या फिर यह एक जरूरी कदम है कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए?