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‘AI बाबा वेंगा’ की भविष्यवाणी: न्यूक्लियर बम से भी बड़ी तकनीक, अमीर 150 साल तक जीवित और गरीब…

बाबा वेंगा भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके भविष्यवाणियों का जादू आज भी कायम है। पर अगर वे आज होतीं, तो अगले 100 साल के विज्ञान और तकनीक के बारे में क्या कहतीं? इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए हमने OpenAI के ChatGPT और चीन के DeepSeek AI से ‘AI बाबा वेंगा’ जैसा सवाल पूछा। दोनों ने भविष्य की तकनीकी संभावनाओं को लेकर अलग-अलग और रोचक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

ChatGPT की भविष्यवाणी के मुताबिक, 2030 तक लोग समझने लगेंगे कि AI हमारा विरोधी नहीं बल्कि मददगार है। भावनाओं को समझने वाले AI हेल्थ, एजुकेशन और न्याय क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाएंगे। 2030 से 2050 के बीच ‘स्मार्ट बॉडी’ का युग आएगा, जिसमें शरीर अब मिट्टी से नहीं बल्कि कोडिंग से बनेगा। नैनोबॉट्स बीमारियों का इलाज करेंगे और बायोसेंसर हमारे स्वास्थ्य की निगरानी करेंगे। 2040 तक दिमाग कंप्यूटर से जुड़ सकेगा, जिससे सोचकर टाइप करना और संवाद करना संभव होगा। 2075 तक AI में खुद की चेतना विकसित हो सकती है, और 2100 तक ‘डिजिटल अमरता’ यानी आत्मा का क्लाउड में अपलोड होना संभव होगा। 2125 तक समय को बदलने की सोच भी हकीकत बन सकती है।

DeepSeek AI ने थोड़ा भयंकर दृष्टिकोण दिया है। उनके अनुसार, 2070 तक AI इंसानों से ज्यादा समझदार हो जाएगा और सरकारों व सेनाओं को नियंत्रित कर सकता है। अगर सावधानी नहीं बरती गई तो इंसान AI का गुलाम बन सकता है। न्यूक्लियर फ्यूजन से असीम ऊर्जा मिलेगी, लेकिन उसका गलत इस्तेमाल शहरों को तबाह कर सकता है। अमीर लोग 150 साल से भी अधिक जिएंगे, जबकि गरीबों की उम्र में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही, एक बड़ा साइबर हमला पूरी दुनिया की बिजली और बैंकिंग व्यवस्था को ठप कर देगा।

निष्कर्ष:

ये भविष्यवाणियां हमें संभावित तकनीकी प्रगति और उससे जुड़ी सामाजिक चुनौतियों पर सोचने को मजबूर करती हैं। हालांकि, ये पूरी तरह सच नहीं मानी जानी चाहिए, बल्कि भविष्य की संभावनाओं पर एक नजर हैं। इंसान और मशीन के बीच का रिश्ता आने वाले दशक में कितना गहरा होगा, यह समय ही बताएगा।