भारत सरकार ने एक बड़ा टेक्नोलॉजिकल कदम उठाते हुए 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के एक हिस्से को बिना लाइसेंस के इस्तेमाल के लिए मुक्त कर दिया है। इस फैसले से आम यूजर्स को खासा फायदा होगा – आपके घर का वाई-फाई नेटवर्क अब पहले से कहीं ज्यादा तेज़ और बेहतर हो सकता है।
अब भारत भी अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देशों की कतार में
इस फैसले के बाद भारत उन 80+ देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जो पहले ही 6GHz बैंड को वाई-फाई उपयोग के लिए अनलिमिटेड एक्सेस दे चुके हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली देश शामिल हैं।
9.6 Gbps तक पहुंच सकती है वाई-फाई स्पीड!
मौजूदा समय में अधिकतर राउटर 2.4GHz और 5GHz फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करते हैं, जिनकी अधिकतम स्पीड लगभग 1.3 Gbps तक होती है। लेकिन 6GHz बैंड के इस्तेमाल से स्पीड 9.6 Gbps तक जा सकती है, यानी 7 गुना ज्यादा! इससे 4K स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और क्लाउड वर्किंग जैसी एक्टिविटीज़ स्मूद हो जाएंगी।
लेकिन इसके लिए बदलना पड़ेगा आपका Wi-Fi राउटर
सरकार ने भले ही बैंड को फ्री कर दिया हो, लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब आपका राउटर और डिवाइस WiFi 6E या WiFi 7 टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करें। यानी अब वक्त आ गया है कि पुराना राउटर हटाकर नया, 6GHz-सपोर्टेड राउटर खरीदें। तभी आप हाई-स्पीड वाई-फाई का असली अनुभव ले पाएंगे।
क्यों नाराज़ हैं टेलिकॉम ऑपरेटर्स?
जहां यूजर्स और टेक कंपनियां इस फैसले से खुश हैं, वहीं टेलिकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और वीआई ने इस पर नाराज़गी जताई है। उनकी मांग थी कि पूरा 6GHz बैंड उन्हें 5G सेवाओं के लिए दे दिया जाए। लेकिन सरकार ने इसका एक हिस्सा अनलाइसेंस्ड यूज़र्स के लिए रखकर ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी है।
इस फैसले से गूगल, क्वॉलकॉम, मेटा जैसी कंपनियों को भी फायदा होगा, क्योंकि अब वे भारत में हाई-स्पीड वाई-फाई सपोर्ट करने वाले डिवाइसेज और सॉल्यूशंस आसानी से ला सकेंगी।
क्या करना होगा आपको?
- अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से पता करें कि क्या वे 6GHz बैंड पर सेवाएं दे रहे हैं।
- WiFi 6E या WiFi 7 सपोर्टेड राउटर खरीदें।
- यह सुनिश्चित करें कि आपके स्मार्टफोन, लैपटॉप जैसे डिवाइसेज़ भी नए वाई-फाई स्टैंडर्ड को सपोर्ट करते हों।
भारत में 6GHz बैंड को फ्री करने का निर्णय इंटरनेट स्पीड और नेटवर्क कैपेसिटी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। हालांकि इसके लिए आपको अपने हार्डवेयर में निवेश करना पड़ेगा, लेकिन यह निवेश आने वाले कई सालों के लिए इंटरनेट एक्सपीरियंस को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।