पटना: बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं की परंपरा पुरानी है, और उनमें सबसे चर्चित नामों में से एक है आनंद कुमार सिंह, जिन्हें लोग ‘छोटे सरकार’ के नाम से जानते हैं। सफेद कपड़ों और काले चश्मे में अक्सर नजर आने वाले आनंद सिंह इस वक्त फिर सुर्खियों में हैं — इस बार गैंगस्टर-से-राजनेता बने दुलार सिंह यादव की हत्या के आरोप में।
आनंद सिंह, जो इस बार जेडीयू के उम्मीदवार हैं, को पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। मगर यह पहली बार नहीं है जब उनका नाम किसी आपराधिक मामले से जुड़ा हो।
अपराध और मुकदमे
आनंद सिंह के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उन पर 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं — जिनमें हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, हमला, हथियार अधिनियम, चोरी और अपराधियों को शरण देने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
इसके बावजूद, उनका मोकामा में जनाधार बेहद मजबूत है।
संपत्ति और जीवनशैली
आनंद सिंह अपनी आलीशान जीवनशैली के लिए भी मशहूर हैं। उनके पास लगभग ₹13 करोड़ की चल संपत्ति और ₹37.88 करोड़ की कुल संपत्ति है।
वे Toyota Land Cruiser और Fortuner SUV जैसी लग्जरी गाड़ियां रखते हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके पास एक हाथी, घोड़ा और मवेशी भी हैं।
उनकी पत्नी और मौजूदा विधायक नीलम देवी के पास लगभग ₹62.72 करोड़ की संपत्ति है।
मोकामा का बाहुबली
मोकामा, जो पटना से लगभग 100 किमी दूर है, वहां आनंद सिंह का सिक्का चलता है।
2005 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्होंने इस सीट को वर्षों तक अपने कब्जे में रखा।
2015 में उन्होंने जेडीयू छोड़ी और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा — और जीत गए।
2020 में वे आरजेडी में शामिल हुए और फिर से विजयी हुए।
2022 में एक हथियार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई, जिसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने उपचुनाव में जीत दर्ज की।
अब 2025 में वे एक बार फिर जेडीयू में लौटे और टिकट हासिल किया।
दुलार सिंह यादव की हत्या
मोकामा में गुरुवार को गैंगस्टर-से-नेता बने दुलार सिंह यादव की हत्या कर दी गई।
यादव, जनसुराज उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी के प्रचार में लगे थे, हालांकि प्रशांत किशोर ने उनके किसी राजनीतिक संबंध से इनकार किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि यादव की मौत दिल और फेफड़ों पर चोट से हुए कार्डियो-रेस्पिरेटरी फेल्योर से हुई।
इस मामले में पुलिस ने आनंद सिंह, मणिकांत ठाकुर, और रंजीत राम को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंह के समर्थकों और यादव के बीच झड़प हुई थी, जिसके दौरान गोली चली।
हालांकि, आनंद सिंह का दावा है कि वे घटना स्थल से काफी दूर थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब विरोधी नेता सूरज भान की साजिश है, “ताकि मेरा नाम खराब हो।”
बिहार की राजनीति और अपराध
आनंद सिंह का मामला बिहार की राजनीति में फिर से अपराधीकरण की गहराई को उजागर करता है।
‘छोटे सरकार’ का करिश्मा, अपराधों की फेहरिस्त और बार-बार बदलते राजनीतिक दल — यह सब बिहार की सियासत की एक पुरानी लेकिन सच्ची कहानी बयां करते हैं।