आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वरा स्वामी मंदिर में शनिवार को हुई भयावह भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसे के बाद राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी और RTGS मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि यह घटना अप्रत्याशित भीड़ के कारण हुई थी, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।
लोकेश ने बताया कि 10 में से 9 श्रद्धालु पहली बार मंदिर आए थे, और न तो पुलिस, प्रशासन और न ही मंदिर प्रबंधन को अंदाज़ा था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मंदिरों की बढ़ती चर्चा और राज्य सरकार की मुफ्त बस योजना ने इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया।
मंत्री लोकेश ने कसीबुग्गा CHC अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और कहा कि अब राज्य सरकार मंदिरों में भीड़ प्रबंधन के लिए एक Standard Operating Procedure (SOP) तैयार करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
उन्होंने बताया कि मंदिर में CCTV कैमरे नहीं लगे थे, और चश्मदीदों के अनुसार जैसे ही दोपहर 12 बजे मंदिर के द्वार बंद होने का समय नज़दीक आया, श्रद्धालु अंदर जाने की जल्दी में एक-दूसरे पर गिर पड़े। इसी दौरान भगदड़ मच गई।
लोकेश ने यह भी कहा कि बैरिकेड्स की ऊँचाई केवल 2.5 इंच थी, जबकि मानक 6 इंच होना चाहिए था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹15 लाख मुआवजा देने और घायलों की हालत पूरी तरह सुधरने तक उनकी निगरानी करने का फैसला किया है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भी मृतकों के लिए ₹2 लाख की सहायता राशि की घोषणा की है।
लोकेश ने बताया कि मृतकों में तीन TDP कार्यकर्ता भी शामिल हैं, जिन्हें पार्टी की ओर से ₹5 लाख का बीमा कवर मिलेगा।
हादसे के बाद मंदिर के मालिक हरी मुकुंद पांडा और अन्य पुजारियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। लोकेश ने कहा कि मंदिर के निर्माण और सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी, और आवश्यकता पड़ने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।