मकर संक्रांति, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार, इस साल 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे उत्तरायण के रूप में भी जाना जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान, दान और सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। यह त्योहार शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत का संकेत देता है। आइए, इस पावन अवसर के शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े नियमों को विस्तार से जानते हैं।
मकर संक्रांति 2025 का शुभ मुहूर्त
- सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: सुबह 9:03 बजे
- पुण्य काल का समय: सुबह 9:03 से शाम 5:46 बजे तक
- महा पुण्य काल का समय: सुबह 9:03 से 10:48 बजे तक
मकर संक्रांति पर करें ये कार्य
- पवित्र स्नान: इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। अगर नदी में स्नान संभव न हो, तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें: सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय उसमें लाल फूल और तिल मिलाएं। इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
- तिल और गुड़ का दान: तिल और गुड़ का दान और सेवन करना पुण्यदायी होता है। यह मिठास और सद्भावना का प्रतीक है।
- खिचड़ी और प्रसाद चढ़ाएं: सूर्य देव को खिचड़ी और तिल-गुड़ का प्रसाद अर्पित करें और इसे जरूरतमंदों के बीच वितरित करें।
- मंत्र जाप: इस दिन “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ नमो भगवते सूर्याय” मंत्र का जाप करें।
- दान-पुण्य: गरीबों को भोजन, कपड़े और धन दान करना इस दिन अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है।
मकर संक्रांति पर इन कार्यों से बचें
- स्नान से पहले भोजन न करें: मकर संक्रांति के दिन बिना स्नान किए भोजन ग्रहण करना अशुभ माना जाता है।
- तेल का दान न करें: इस दिन तेल का दान करने से बचें, यह अशुभ फलदायी हो सकता है।
- तामसिक भोजन का त्याग करें: इस दिन मांस, शराब या अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- सफेद चावल और नुकीली वस्तुओं का दान न करें: चावल और चाकू जैसी नुकीली वस्तुएं दान करने से बचें।
- जरूरतमंदों को खाली न लौटाएं: चौखट पर आए किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को खाली हाथ वापस न जाने दें।
- किसी का अपमान न करें: इस दिन किसी का अपमान करने से बचें। ऐसा करने से पाप का भागी बन सकते हैं।
निष्कर्ष
मकर संक्रांति न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मकता और नई शुरुआत का प्रतीक भी है। इस दिन स्नान, दान और शुभ कार्यों को करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, कुछ नियमों का पालन कर आप इस त्योहार को और भी फलदायी बना सकते हैं। मकर संक्रांति पर इन परंपराओं और नियमों का ध्यान रखते हुए इस पर्व को श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाएं।